पलकों में इन्द्रधनुष पलकों में इन्द्रधनुष
प्रिज़्म बन कर इंसान, अपनी ओर आती रोशनी की हर किरण को तोड़ देना चाहता है अलग अलग रंगों म... प्रिज़्म बन कर इंसान, अपनी ओर आती रोशनी की हर किरण को तोड़ देना चाहता ह...
वर्षा और बादल के बीच में इन्द्रधनुष भी दिखाई पड़ते थे... वर्षा और बादल के बीच में इन्द्रधनुष भी दिखाई पड़ते थे...
ये घने हुए बादल, हलके काले व्योम से टपकते हुए ओस कभी अचानक से छटते बादलों के बीच नीले- नीले अम्बर... ये घने हुए बादल, हलके काले व्योम से टपकते हुए ओस कभी अचानक से छटते बादलों के ...
कभी झूठ के पर काटती, कभी सच को झूठलाती, कभी झूठ के पर काटती, कभी सच को झूठलाती,
जितना रंग भरो इसमें दूजे पल ही उड़ता है । जितना रंग भरो इसमें दूजे पल ही उड़ता है ।